e-SHG मृणाल जी

वन्दे हे सुंदर मम सखा….

पश्चिम बंगाल सरकार के सरकारी विद्यालय के शिक्षक, मृणाल कांति (1973, 540, प्रदीप आश्रम) जी का, कोननगर अवस्थित उनके आवास पर, लीवर कैंसर से असामयिक निधन उनके परिवार पर वज्रपात से कम नही है।

छोटे बच्चे की परवरिश अब एक हाउस वाइफ भाभी जी श्रीमती बाणश्री कांति (मिसेस मृणाल कांति) जी के जिम्मे है, वह भी तब, जब सारी जमा पूंजी बीमारी नें लील ली है।

भाई भतीजे भी हाथ खींचे बैठे हैं और इस ताक में हैं कि इनकी पैतृक संपत्ति से इन्हें कैसे बेदखल किया जाए।

पेंशन मिलने तक हर माह के खर्चे की भयावह समस्या को जब मृणाल जी के बैचमेट, डॉ दिव्यप्रकाश जी (1973518) नें Noba kolkata में रखा, तो इसे E-Hatian SHG Volunteers में डालनें के मात्र 20 घंटे के अंदर Noba kolkata और e-Hatian SHG Volunteers के 104 से ज्यादा नोब्स नें हाथों हाथ लिया और प्रति जन ₹5000.00 की रकम देनें का वादा किया।

वशिष्ठ जी के लिए आजीवन प्रतिमाह आर्थिक सहयोग के लिए चल रहे e-SHG की तर्ज पर इनमें से पहले आए 63 लोगों का एक अलग मृणाल जी, e-SHG बना दिया गया है। ग्रुप के संचालन का जिम्मा श्री सचिदानंद सिंह जी (1964186) नें अपने ऊपर लिया है। इसमें इनके कोलकाता से स्थानीय सहयोगी डॉ दिव्य प्रकाश जी (1973518) होंगे।

इसमें अगस्त ’18 से प्रतिमाह 7-7 व्यक्ति ₹5000 प्रतिमाह का सहयोग देंगे जिससे परिवार को सरकारी पेंशन की शुरुआत होने तक अगले 9 माह यानी अप्रैल 2019 तक ₹ 35000 प्रतिमाह का सहयोग नोब्स की ओर से हो जाए।

उपरोक्त रकम सीधे भाभीजी के बैंक खाता में ही जाएगी।

24 घंटे के अंदर-अंदर, देश भर से, इतने बंधुओं का इस कार्य के लिए आ जुड़ना हमारे मन के जुड़ाव का द्योतक है।

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जन जन में ज्योति जगे, सतचित आनंद सदा।
वंदे, वंदे, वंदे हे सुंदर मम सखा …..

समस्त हाटियन परिवार को इस अतुलनीय और तीव्र सहयोग का साधुवाद।

🙏🙏🙏

Regards,

e-SHG Group