1 दिसंबर 2005 को पहली बार विस्तार से वशिष्ठ जी के बारे में पढ़ने को मौका मिला था जब एक अनजान व्यक्ति ने पुरे नोबा ( नेतरहाट ओल्ड बॉयज एसोसिएशन ) को एड्रेस करते हुए वशिष्ठ नारायण जी के बारे में लगभग ३ पेज का मेल किया था और तब उस मेल में दिए गए
Connect-the-dots : By Vikash Ranjan
1 दिसंबर 2005 को पहली बार विस्तार से वशिष्ठ जी के बारे में पढ़ने को मौका मिला था जब एक अनजान व्यक्ति ने पुरे नोबा ( नेतरहाट ओल्ड बॉयज एसोसिएशन ) को एड्रेस करते हुए वशिष्ठ नारायण जी के बारे में लगभग ३ पेज का मेल किया था और तब उस मेल में दिए गए