शब्द बौने हो गए आजकल , अनचाहे गमन देखकर

No comments

मजबूत आत्मबल, इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है।

हम हर दिन अपनों को खो रहे हैं ! आये दिन सुबह से शाम होते होते कई बुरी खबर से गुजरना पड़ रहा है ! बीते कुछ दिनों के दौरान बिहार में जिस तरह से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है, उससे हर कोई चिंतित हो गया है। कोरोना की इस दूसरी लहर से हर उम्र वर्ग के लोग प्रभावित हुए हैं । शायद ही कोई घर अछूता नजर आ रहा है । बहुत लोगो में सिम्पटम्स होने के बावजूद भी वो टेस्ट नहीं करवा पा रहे इसीलिए आंकड़े आज भी सही नहीं आ रहे । सरकार को अपने डाटा बेस टीम को सुदृढ़ करने की जरुरत है ।

▪️ घबराएं बिलकुल नहीं , 99 % लोग ठीक हो रहे हैं , आप भी होंगे !

▪️ अपने आप को होम आइसोलेशन में रखें ताकि परिवार के बांकी सदस्य संक्रमित न हो !

▪️ घरेलु नुस्खे हल्दी दुध अदरख, तुलसी वाली चाय आदि का अधिक सेवन करें !

▪️ बुखार को ज्यादा न बढ़ने दें , पेरासिटामोल का प्रयोग करें !

▪️ डाक्टरी सलाह से अन्य दवाओं का सेवन भी करते रहे !

▪️ सांस से सम्बंधित कोई भी तकलीफ महसूस हो तो spO2 स्कोर चेक करते रहे ऑक्सीमेटर अपने पास रखें !

▪️ सबसे अहम् बात , घर में एक पॉजिटिव वातावरण का माहौल बना कर रखें , अपने को सकारात्मक बातों में ज्यादा उलझाए , एकदम आराम करें ..!

▪️ 18 + को वैक्सीन लग रही है तो मौका बिलकुल मत छोड़ो !

▪️ योग एवं प्राणायाम करके अपने मन और मस्तिष्क को भी ऊर्जावान बनाये रखें !

मुश्किल घड़ी है , निश्चित टल जाएगी !

स्वस्थ होने के बाद अब प्लाज्मा डोनेट करने की बारी

अपनी “सकारात्मक सोच” और “कोविद होम प्रोटोकाल” का पालन करते हुए आज इस बीमारी के चंगुल से मुक्ति मिल गयी । नोबा USA के डॉ दिनेश रंजन जी के दिशा निर्देश का होम आइसोलेशन में पूरा पालन किया ! उनके बताये हुए ब्लड टेस्ट , दवाईं के नियमित सेवन से काफी फायदा हुआ !

मैंने मन से बहुत जल्दी ही ये ख्याल निकाल दिया था की मैं कोरोना संक्रमित हूँ ! शुरू में बहुत मुश्किल रहा , दरवाजे के पीछे से अपने एक साल की बच्ची को दूर से ही देखना , उसके साथ न खेल पाने की उस मज़बूरी को झेलना बहुत आसान नहीं था । दूसरी तरफ ६५ वर्ष की मेरी माँ भी कोरोना पॉजिटिव थी , एक कमरे में मैं और एक में वो आइसोलेटेड थी ! बीच रात में जब मम्मी के कमरे से लगातार बेतहासा खांसने की आवाज आती थी, तो मन करता था भाग कर देख लूँ की वो ठीक है या नहीं , लेकिन होम मैनेज्ड प्रोटोकॉल को स्ट्रिक्टली फॉलो किया , सबकुछ बहुत आसान नहीं था ! खुद को आईसोलेट करने के साथ गर्म पानी का नियमित सेवन करना , दिन में तीन चार बार भाप लेता रहा। एक चार्ट बनाकर उसके हिसाब से ही खाने पीने की भी सारी व्यवस्था मेरी पत्नी ने कर रखी थी |

अब रिपोर्ट निगेटिव आई है तो सोच रहा हूं कि 15 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर दूं। ताकि किसी जरूरतमंद की मदद हो जाए।

आवासीय विद्यालय नेतरहाट के पूर्ववर्ती छात्र भी निभा रहे सोशल रेसपॉन्सिबिलिटी

नोबा (Netarhat Old Boys’ Association) ग्लोबल सोशल रिस्पांसिबिलिटी एवं नेतरहाट निरोग जैसे ग्रुप में कई एक्सपर्ट्स डॉक्टर के जुड़ने से काफी फायदा होता नजर आ रहा है । नोबा के वेबसाइट पर भी हमने कोविद प्रोटोकॉल से सम्बंधित हर जानकारी संकलित कर ली है ! जरुरत के समय पर ऐसे महत्वपूर्ण लिंक और जानकारी होने से समय काफी समय बच जाता है ! नोबा अमेरिका के डॉ राम चरित्र शर्मा जी एवं डॉ दिनेश रंजन जी के दिशा – निर्देश में प्रोटोकॉल को फॉलो करने का ही नतीजा है की आज मैं ठीक १४ दिन के बाद RT_PCR टेस्ट में negative हो  पाया । कई दूसरे लोकेशन जैसे पटना से डॉ अभिषेक जी  , डॉ अजय जी , रांची से डॉ अम्बिका दत्त शर्मा जी , डॉ वेंकटेश जी , डॉ रविंद्र जी , कोलकाता से डॉ विष्णु जी दिल्ली से डॉ आदित्य एवं कई अन्य  पूर्ववर्ती छात्र डॉ बहुत ही अहम् भूमिका में एक दूसरे को सही सलाह एवं हॉस्पिटल प्रक्रिया आदि में मदद करते नजर आ रहे हैं !

कोविद से सम्बंधित विशेष जानकारी हमारे वेबसाइट पर भी उपलब्ध है !

https://noba.org/index.php/initiatives/noba-gsr/covid-information

Leave a comment