ये कहावत काफी प्रसिद्द है की मूल से ज्यादा ब्याज प्यारा होता है ..दादा – दादी , नाना – नानी का अपने नाती पोते से अलग ही स्नेह होता है ..माता – पिता के बाद बच्चे सबसे ज्यादा दादा-दादी , नाना-नानी के नजदीक होते हैं .बुजुर्गों का अनुभव हमेशा बच्चो की प्रतिभा को और निखारता है .उनसे उन्हें बहुत कुछ सिखने को मिलता है . वे हमेशा चाहते हैं की उनके पोता-पोती एक कामयाब इंसान बने .अगर दादी और पोते की बात करे तो उनका रिश्ता बेहद खास और प्यारा होता है .पोता जो बात होने माँ के साथ शेयर करने से डरता है , उन्हीं बातों को वह दादी के साथ बिना डरे शेयर कर लेता है ..ऐसे ही एक रिश्ते की कहानी है शिवम् और उसके दादी की ..
मेरा आसरा तूं ही है
वर्ण वर्ण के फूल खिले थे,
झलमल कर हिमबिंदु झिले थे,
हलके झोंके हिले मिले थे,
लहराता था पानी।
लहराता था पानी।..हाँ , दादी माँ यही कहानी !
शिवम् और उसके दादी के बीच का संवाद अनंत है ..ये वक़्त था शिवम् के जनेऊ का ..भिक्षां देहि -भिक्षां देहि करता शिवम् कभी इधर तो कभी उधर सभी बड़े-बुजुर्ग का आशीर्वाद ले रहा था ! मम्मी , पापा ..नाना – नानी , मौसा – मौसी ,चाचा – चाची सबसे मिलता , आशीर्वाद लेता शिवम् खुश था ..कुछ कदम चल वो रुका , ठहरा ..
उसकी नजरे कुछ खोज रही थी..
वो अपने दादी माँ को खोज रहा था ..
अब उसके हाथ में आशीर्वाद में मिले पैसे से भरी पोटली थी ..जिसे उसने दोनों हाथों से कसकर पकड़ रखा था 🙂
उसकी ऑंखे दादी को खोज रही थी ..मम्मी ने बोला ..पापा ने बोला,..नानी ने बोला..शिवम् ये पोटली मुझे दे दो ..मैं संभाल कर रखता हूँ ..लेकिन नहीं वो भागा दादी के पास गया ..
दादी माँ …दादी माँ ..
आप रख लो न ये पोटली ,
इस पोटली में हैं मेरे ढेर सारे पैसे ,
इसे संभाल कर अपने पास रखो !
हुआ हर्ष उपस्थित सभी ह्रदय में
लगे सब मंद मंद मुस्कुराने..
लगे सब मंद मंद मुस्कुराने….हाँ , दादी माँ यही कहानी !
सदा रखना कृपा तू अपनी ,
मैं यूं ही करता रहूं अपनी मनमानी !
मैं यूं ही करता रहूं अपनी मनमानी !….हाँ यही है मेरी दादी की कहानी !
Very nice
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