Tag: Childhood

पापा उन लम्हों को दुबारा जी लेने का मन करता है !

पापा के नाम चिट्ठी !  कितने दूर चले गए हो पापा , इस दूरी से डर सा लगता है , आपके सीने से लग पापा , रोने का मन फिर करता है ! अब ये नामुमकिन सा ही है , न जाने क्यों दिल नहीं मानता है , उन लम्हों को दुबारा , जी लेने

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सिनेप्रेमियों के लिए जिले की शान रहे बेगूसराय के सावित्री चित्रपट का पर्दा हमेशा के लिए बंद हो गया !

बेगूसराय के सावित्री सिनेमा हॉल का पर्दा हमेशा के लिए बंद हो गया । आ गया आपके शहर बेगूसराय में पहली बार : सावित्री चित्रपट में ५ शो में – आप आईये , अपने परिवार दोस्तों को भी लेकर आईये ! इस अनाउंसमेंट को करते हुए जब सावित्री हॉल के पोस्टर से सजा रिक्शा बगल

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