बिहार का भविष्य कैसा हो? और हम सब मिलकर इसे कैसा बना सकते हैं?

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बिहार के गौरवशाली नागरिकों,

आज हमारे सामने फिर वही पुराना, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण यक्ष-प्रश्न खड़ा है— बिहार का भविष्य कैसा हो? और हम सब मिलकर इसे कैसा बना सकते हैं?

आज बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम आने वाला है। हम सबकी यही प्रार्थना है कि जो भी जनप्रतिनिधि चुने जाएँ, वे बेदाग चरित्र, विनम्रता, और सच्चे सेवाभाव से परिपूर्ण हों। समय बदल चुका है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और सोशल मीडिया के इस दौर में कुछ भी पहले जैसा आसान नहीं रहा— न जनता के लिए, और न ही जनप्रतिनिधियों के लिए।

आज जनता मुखर है,
जनता
जागृत है,
और जनता
प्रश्न पूछ रही है।
और यही किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र की खूबसूरती है।

हमारी नई पीढ़ी अब जाति–पांति की सीमाओं में बंधना नहीं चाहती। वह विकास चाहती है, अवसर चाहती है, और एक बेहतर बिहार चाहती है। और मुझे विश्वास है—कि यह जागरूकता हमारे नेताओं को भी सोचने पर मजबूर कर रही है। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर एक नई नीति-दृष्टि वाले बिहार के निर्माण के लिए संकल्प लें।

आज मैं बिहार के विकास के लिए कुछ मूलभूत संकल्प आपके सामने रखना चाहता हूँ—

पहला संकल्प—बेहतर आधारभूत संरचना।
हमें ऐसे बिहार की जरूरत है जहाँ सुरक्षित और मजबूत सड़कें हों…
जहाँ हर जिला एक लॉजिस्टिक हब बने…
और गाँव-गाँव तक विकास की गाड़ी पहुँचे।

दूसरा संकल्प—रोजगार और उद्योग।
हमारा युवा प्रतिभाशाली है, मेहनती है।
उसे सिर्फ अवसरों की जरूरत है।
हमें बड़े उद्योग लाने होंगे, MSME को बढ़ावा देना होगा,
और जिला-स्तर पर स्किल सेंटर खोलने होंगे ताकि रोज़गार घर के पास मिले।

तीसरा संकल्प—पलायन को रोकना।
हमारा दर्द यह है कि हम अपना जन्मस्थान छोड़ने पर मजबूर हैं।
आइए एक ऐसी अर्थव्यवस्था बनाएँ
जहाँ युवाओं को बिहार छोड़ने की जरूरत न पड़े,
बल्कि दूसरे लोग यहाँ आने का सपना देखें।

चौथा संकल्प—उत्तम शिक्षा।
डिजिटल क्लासरूम, मॉडल स्कूल, नए उत्कृष्ट विद्यालय,
और प्रत्येक जिले में तकनीकी संस्थान—
यह बिहार के भविष्य की नींव है।

पाँचवाँ संकल्प—सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ।
हर जिले में 24×7 सक्षम सरकारी अस्पताल,
हर पंचायत तक टेली-मेडिसिन,
और मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर विशेष अभियान—
यह बिहार की आवश्यकता है।

छठा संकल्प—सुशासन और पारदर्शिता।
जिस सरकार में पारदर्शिता नहीं, वह टिकाऊ नहीं।
हमें जवाबदेही चाहिए,
e-Governance चाहिए,
और जनप्रतिनिधियों का मासिक रिपोर्ट कार्ड चाहिए।

सातवाँ संकल्प—सामाजिक सौहार्द्र।
सरकार का काम जनता को बाँटना नहीं—
जोड़ना है।
विकास का लक्ष्य जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से ऊपर उठकर
हर नागरिक तक पहुँचना चाहिए।

हमारा बिहार गरीबी, अशिक्षा और पलायन जैसे गहरे घावों से जूझता रहा है। लेकिन यही बिहार आज बदलाव के मुहाने पर खड़ा है। यह वही धरती है जिसने प्रतिभा को जन्म दिया, और वही धरती आज हमें पुकार रही है—

आओ, एक नया बिहार बनाएं।
एक बेहतर बिहार।
एक विकसित बिहार।

आईए, हम सब मिलकर एक ऐसे बिहार के निर्माण का संकल्प लें जहाँ अवसर हों, सम्मान हो, सुरक्षा हो, और जहाँ हर युवा कह सके—
“मुझे अपना बिहार चाहिए,
और मैं यहीं रहकर इसे आगे बढ़ाऊँगा।”

यही हमारा संकल्प है। यही बिहार का भविष्य है।

जय बिहार!
जय हिंद!

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