नमस्ते इंडिया ナマステインディア : अतुल्य बिहार Booth No. N1/N2 , 28-29 September 2019
मन में बिहार : अतुल्य बिहार
इस साल फिर से नमस्ते इंडिया का इवेंट योयोगी पार्क में २८-२९ सितम्बर को सुनिश्चित हुआ है । एक दोस्त आज ही पूछ रहा था की क्या क्या है इस इवेंट में ? हमहुँ तनी मुस्कुराते हुए बोले ..कितना दिन हो गया भारत घूमे हुए ….का ..६ महीना ..कोई बात नहीं ..चले जाईये घूमते फिरते योयोगी पार्क..खुद भी जाईये..परिवार जन , दोस्त मोहिम को भी साथ में लेते जाईये । अब ऐसा है की वहां बड़का गो एक स्टेज पहले से बनल है और उस स्टेज पर भर दिन बिना रुके कुछ न कुछ प्रोग्राम चलते रहता है । पूरा टोक्यो या यूँ कहिये जापान में हर वो ग्रुप जो डांस , गाना आदि करते आये हैं सबको वहां एक साथ देख सकते हैं । क्या बच्चे क्या महिलाएं ..जोश एक दम चरम पर रहता है । पिछले साल तो आंधी तूफ़ान जैसी हालत हो गयी थी ..फिर भी लोग छाता लगाकर , भींगकर प्रोगाम का आनंद उठा रहे थे ।
यहाँ संगीत है , नृत्य है ..कलाकारी है ..प्रतिभा का प्रदर्शन है ..अच्छा इसमें सिर्फ भारतीय सुमदाय के लोग या कलाकार ही नहीं अपना प्रदर्शन करते हैं ..आनंद तो तब आता है जब ..डोला रे डोला रे डोला रे डोला जैसे गाने पर जापानी कलाकार को थिड़कते हुए देखने को मिलता है .. इ तो हो गया स्टेज प्रोग्राम का बात ।
बांकी तो मेला जैसा माहौल ही रहता है ..इतना ढेर सारा फ़ूड स्टाल ..घूम घूम कर खाइये…एकदम स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है ..जापान के सब नामी रेस्टॉरेंट का स्टाल यहाँ लगता है ..किसी में समोसा खा लीजिये..किसी में चाट तो किसी में पानी – पूरी …घूम घूम कर खाइये..अगर कम खाते हैं तो इंडियन मसाला एवं ग्रोसरी शॉप भी होता है ..वहां से सामान खरीद कर झोला में भर लीजिये और घर के राशन की शॉपिंग ही समझिये हो गया आपका । इसके अलावे भी वहां बहुत सारे दूकान होते हैं जिसमे आप आराम से कुछ न कुछ खरीदारी कर सकते हैं..मेला वाला फील लीजिये और खुश रहिये ।
अब हमरा से काहे ल इतना सब पूछ रहे हैं भाई जी ..हम कउनो सिरचन हैं का ? सुनते थे की उसको सब गाँव में बेकार नहीं “बेगार समझते थे।कभी फणीश्वर नाथ रेनू जी की कहानी “ठेस””पढ़िए सिरचन के बारे में जानने के लिए !
सिरचन को लोग चटोर भी समझते थे .. तली-बघारी हुई तरकारी, दही की कढ़ी, मलाई वाला दूध, इन सब का प्रबंध पहले कर लो, तब सिरचन को बुलाओ; दुम हिलाता हुआ हाजिर हो जाएगा। खाने-पीने में चिकनाई की कमी हुई कि काम की सारी चिकनाई खत्म! काम अधूरा रख कर उठ खड़ा होगा – ‘आज तो अब अधकपाली दर्द से माथा टनटना रहा है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आ कर पूरा कर दूँगा… ‘किसी दिन’ – माने कभी नहीं!
सिरचन की पूरी कहानी फिर कभी …नमस्ते इंडिया में हमर अपन राज्य बिहार ( झारखण्ड ) का पिछले एक साल से हमहुँ सब लोग मिलकर अपना स्टाल लगाते हैं।पिछले साल कोई तो कह रहा था …”आएं हो विकास भाई ..बौरा गए हो का ? दू दिन का ई स्टाल लगाकर आप लोगो को का मिलता है ..कउनो काम धंधा नहीं है क्या ?”
अब करीबी दोस्त है ..मजाक में टांग खीचय के आदत है तो हमहुँ ज्यादा कुछ नहीं बोले..कनखी मारके इतना ही बोले की क्या लगता है दोस्त ..सच में हमारे पास काम धंधा नहीं है क्या ..हाहा । सब अपन अपन जिंदगी में व्यस्त हैं यहाँ ..कोई अपना बिज़नेस चला रहे हैं या तो कोई प्रोजेक्ट के गो – लाइव में फॅसे हुए रहते हैं …गो- लाइव मने उनका प्रोजेक्ट जिन्दा होने जा रहा है ..मने बस प्रोडक्शन में कोड गया और दनादन काम चालू…फिर भी समय दान , श्रम दान करते हैं ..आखिर क्यों ?
ये बहुत ही गंभीर प्रश्न है ..और इसका उत्तर भी गंभीरता से देने और समझने की जरुरत है !
जापान में हम निश्चित ही एक भारतीय होने के नाते भारत का प्रतिक चिन्ह हैं ..इसमें कोई दोराय नहीं है ..अपने चाल – चलन , लूर – लक्षण , बुद्धि – विवेक एवं व्यवहार से हम चलता फिरता भारत ( भारतीय ) हैं ..ओ गेंकी…रंजन सान..इंदो शुषिनदेसु का ? लेकिन जब भारत या भारत के माहौल की बात की जा रही है तो हम बहुत ऐंठ ऐंठ कर कहते फिरते हैं ..हम बिहार से हूँ ..हम बिहारी हूँ …अब काहे न कहे भाय ..सम्बन्ध ही ऐसा है …
देश बना है जिस मिट्टी से उसकी हिस्सेदारी हूं,
बुद्ध ,महावीर, चंद्रगुप्त, के गौरव का अधिकारी हूं,
हाँ मैं बिहारी हूँ, हाँ मैं बिहारी हूँ।
नमस्ते इंडिया के इस इवेंट के हमारे अपने इस राज्य के बूथ पर हम दो दिन सभी स्वयंसेवक अपना सबकुछ त्याग करके लगे रहते हैं ..पिछले साल का एक्सपीरियंस काफी अच्छा रहा था और अपने दोस्तों एवं जापानी आगंतुक लोगो के उत्साह को देखते हुए इस साल हमने अपने स्टाल का साइज डबल कर लिया है ..इस बार मुख्य आकर्षण में कुछ ये सब रहेगा :
– सेल्फी पॉइंट = एक दो अच्छे बैनर बनवाये गए हैं ..इसके सामने मुँह टेढ़ – बाँकुर करके फोटू खिचवाईये…पीछे अतुल्य बिहार लिखा रहेगा ..फिर हैश टैग जरूर कीजियेगा #नमस्ते_इंडिया #अतुल्य_बिहार
– बिहार से बहुत सारा आर्ट का सामान भी मंगवाए हैं . इसके बारे में बस इतना ही कह सकते हैं की कोई और ले न ले ..अगर आप हमारे स्टाल पर आ गए तो आपको ही मन करेगा की…ये चीज तो मेरे घर पर होना चाहिए…हाथों हाथ बिकने वाला सामान सब है ..तो जरूर आईये .. और मौके लगे तो खरीद लीजियेगा..इससे जो भी पैसा बनेगा वो लागत हटाकर एसोसिएशन के फण्ड में जमा करने का टारगेट है …बहुत महंगाई है भाई ..कुछ न कुछ कंट्रीब्यूशन का जुगाड़ तो लगाना ही पड़ेगा।
आज शाम में राजा जी , सोनल जी , वर्तिका जी और हम सब गए थे योयोगी पार्क में अपने बूथ का मुयायना करने एवं बैनर सब लगाने के लिए..वो वाला फोटू लगा दे रहे हैं ..और उम्मीद करते हैं की आप इससे तनी मनी उत्साहित या उत्तेजित कुछो होईये..लेकिन ये दिन …में घूमते घामते आईये जरूर ..आपका अपना ही स्टाल है …आईये ..श्रम दान कीजिये..मिलिए ..हँसिये ..बोलिये…बिहारीपन का आनंद लीजिये…

जय बिहार !
अब थक गए लिखते लिखते ..
आगे की कहानी क्रमशः :

